मराठ आरक्षण योध्दा मनोज जरांगे और मौलाना सज्जाद नोमानी की जोडी महाराष्ट्र चुनाव मे चमत्कार दिखाने को तय्यार ... आओ जाने मौलाना सज्जाद नोमानी के बारे मे
( शख्सियत सारांश )
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे मौलाना सज्जाद नोमानी और मराठा आरक्षण की आवाज बने मनोज जरांगे पाटील के बिच बने समीकरण ने सभी प्रमुख दलो की चुले हिलाकर रख दी है!इस लेख मे हम मौलाना सज्जाद नोमानी का जिवन परिचय और उनके कार्य के संबंध मे जानेगे! मौलाना सज्जाद नोमानी भारतीय इस्लामी विद्वान, लेखक, वक्ता, और समाजसेवी हैं। वे जमीयत उलेमा-ए-हिंद के एक प्रभावशाली सदस्य और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं। मौलाना सज्जाद नोमानी का जन्म और शिक्षा एक धार्मिक परिवार में हुई थी, और उनके परिवार में कई प्रमुख इस्लामी विद्वान रहे हैं। वे अपने स्पष्ट और प्रभावशाली भाषणों, और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों और न्याय के लिए उठाई गई आवाज़ के लिए जाने जाते हैं।
मौलाना सज्जाद नोमानी का जन्म एक धार्मिक और विद्वान परिवार में हुआ था। उनके पिता मौलाना मंजर अल-नोमानी भी एक प्रतिष्ठित इस्लामी विद्वान थे। मौलाना सज्जाद नोमानी ने प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद दारुल उलूम नदवतुल उलमा, लखनऊ में इस्लामी शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने दारुल उलूम देवबंद से भी ज्ञान अर्जित किया, जससे उन्हें एक मजबूत धार्मिक और शैक्षिक आधार मिला।
मौलाना सज्जाद नोमानी ने कई इस्लामी विषयों पर किताबें लिखी हैं, जिनमें इस्लामी शिक्षा, शरीयत, और मुस्लिम समाज की चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया है। उन्होंने कुरान और हदीस की व्याख्या पर भी कार्य किया है, जो कि धार्मिक शिक्षा में योगदान के रूप में सराहा गया है!मुस्लिम समाज के उत्थान और उन्हें सशक्त बनाने के लिए कई सामाजिक संगठनों के साथ जुड़े रहे हैं। वे कई बार सरकार और मीडिया के सामने मुस्लिम समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज़ उठाते हैं, और किसी भी तरह के भेदभाव के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हैं।
मौलाना नोमानी AIMPLB के सक्रिय सदस्य हैं, जो भारतीय मुस्लिम समुदाय के धार्मिक और सामाजिक अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य करता है। वे इस बोर्ड के माध्यम से मुस्लिम पर्सनल लॉ, तीन तलाक, बाबरी मस्जिद विवाद, और अन्य प्रमुख मुद्दों पर भी अपनी राय रखते हैं और समाज को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं!
मौलाना नोमानी भारतीय समाज में धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने में विश्वास रखते हैं और उन्होंने हमेशा भाईचारे और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व पर जोर दिया है। वे धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं और विभिन्न समुदायों के बीच संवाद स्थापित करने का प्रयास करते हैं।
सज्जाद नोमानी के भाषण स्पष्ट, तर्कपूर्ण और प्रभावशाली होते हैं। वे इस्लामी विचारधारा को सरल और सटीक रूप में पेश करने के लिए जाने जाते हैं। उनके भाषणों का उद्देश्य इस्लामी शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना और मुस्लिम समाज को सही दिशा में प्रेरित करना है !
मौलाना सज्जाद नोमानी का मुख्य उद्देश्य मुस्लिम समाज को इस्लामी शिक्षा और धर्म के प्रति जागरूक करना है। वे मुस्लिम समाज को आधुनिक शिक्षा के साथ धार्मिक शिक्षा का संयोजन करने के लिए प्रेरित करते हैं। उनका मानना है कि मुसलमानों को न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और राजनीतिक रूप से भी मजबूत होना चाहिए, ताकि वे समाज में अपनी उचित भूमिका निभा सकें।
मौलाना सज्जाद नोमानी एक सशक्त आवाज हैं जो मुस्लिम समाज के अधिकारों और न्याय के लिए समर्पित हैं। उनकी शिक्षाओं, लेखन, और सार्वजनिक कार्यों के माध्यम से, उन्होंने भारतीय मुस्लिम समुदाय में जागरूकता, एकता और आत्मनिर्भरता की भावना का प्रचार किया है। मौलाना सज्जाद नोमानी और जरांगे पाटील तो अपनी ओर से महाराष्ट्र चुनाव मे बडा उलट फेर करने के लिए जि जान से जुट गए है! अब समय ही बतायेगा दोनो को अपने समाज मराठा और मुसलमान से कितना समर्थन मिलता है !
अली रज़ा आबेदी
8983123110
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