औरंगाबाद मध्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से त्रिकोण का वह चौथा कोन कौन है ...? जो बदल सकता है चुनावी समीकरण !

Nov 17, 2024 - 20:29
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औरंगाबाद मध्य विधानसभा  निर्वाचन क्षेत्र  से  त्रिकोण  का वह चौथा  कोन  कौन  है ...?      जो बदल सकता है चुनावी समीकरण  !

भुमिती ( जाॅमेट्री ) बडा मज़ेदार विषय है ! इस मे त्रिकोण ट्रँगल के भितर छुपा एक चौकोन होता है ! सामान्यत: दिखता नही है! लेकिन मास्टर सहाब जब उसके समीकरण को समझाते है , तब उसकी मौजुदगी साफ तौर पर दिखने लगती है !ठिक वैसी ही स्थिती औरंगाबाद मध्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की है! बडे बडे दिग्गज राजनीतिक विश्लेषक यहां तिकोनी फाइट बता रहे है ! चुनाव के आरंभ से ही चौकोन यहां बनता रहा है जिसे नज़र अंदाज़ किया जाता रहा है !

मध्य हमेशा से ही शिवसेना का मज़बूत क़िला रहा है ! पहेली बार इम्तियाज़ जलील के माध्यम से AlMlM ने इस किले को ढहाने मे सफलता हासिल की थी! तबसे इस निर्वाचन क्षेत्र पर AlMlM अपनी दावेदारी जताता रहा है ! शीवसेना के दो फाड होने के बाद हालात बदल गए है! वंचित और AlMlM के एक दुसरे से जुदा होने का असर AlMlM की दावेदारी पर भी पडा है ! पिछली बार इस का ख़ामयाज़ा नासेर सिद्दिकी भुगत चुके है! इस बार शिवसेना शिंदे से प्रदीप जैस्वाल और शिवसेना उध्व या फिर यु कहिए महाविकास अघाडी की ओर से किशनचंद तनवानी को उम्मीदवार बनाया गया था! तनवानी हिंदुत्व मतो के विभाजन को रोकने के लिए मैदान से पिछे हट गए! कहा गया मध्य मे तनवानी के बहार होने के बाद अब यहां तिरंगी फाइट प्रदीप जैस्वाल, नासेर सिद्दिकी और जावेद कुरैशी के बिच होगी ! माविआ को बिच लढाई अपना उम्मीदवार बदलना पडा डाॅक्टर बालासाहेब थोरात मैदान मे आए लेकिन विश्लेषको ने इतनी खास तवज्जो नही दी! अंदाज यही गडबडा गया! बडी कमजोर सी शुरवात करने वाले धोरात जरांगे के मराठा कार्ड और मौलाना सज्जाद नोमानी के समर्थन से त्रीकोन का चौथा कोन बनाते दिख रहे है! मनसे के सुहास दाशरथे और शिवसेना उध्व के एक निष्ट शिवसैनिक पुर्व स्थाई समिती सभापती बंडु ओक प्रदीप जैस्वाल के लिए बहोत बडी ना सही मुसिबत ज़रूर खडी कर सकते है! दुसरी ओर मुस्लिम मतो पर नासेर सिद्दिकी और जावेद कुरैशी की दावेदारी पर भी थोरात के चौथे कोन का साया मंडरा रहा है! नामांतर योध्दा हिशाम उस्मानी अपक्ष उम्मीदवार होने के नाते चुनाव मे बहोत ज़्यादा अपनी उपस्थित दर्ज नही करा पाए है! उनका कार्य और जनसंपर्क नामांतर की लढाई उन्हे त्रिकोन के चौथे कोन मे लाकर ज़रूर खडा कर देती है ! मध्य मे मुकाबला भले ही त्रिकोणीय हो लेकिन इस त्रिकोन के भितर जो चौथा कोन है, वह सारे चुनावी गणित को गडबडा सकता है! भाई हम कोई बहोत बडे भविष्य वक्ता तो है नही, इस लिए हम कुछ नही बोलेंगे! क्यों कि हम बोलेगा तो बोलोगे के बोलता है... ? 

अली रज़ा आबेदी 

 

 

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