विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार में गिरावट, सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में बंद
भारतीय शेयर बाजार में आज भी गिरावट का सिलसिला जारी रहा। सेंसेक्स 450 अंकों की गिरावट के साथ 78,500 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 140 अंक टूटकर 23,500 के करीब आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली और वैश्विक अनिश्चितताओं ने बाजार को कमजोर बनाए रखा।
बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण
1. विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली
विदेशी निवेशकों ने सितंबर 2024 से अब तक भारतीय बाजार से करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये की निकासी की है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने और डॉलर के मजबूत होने से FIIs उभरते बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं।
2. रुपये की कमजोरी
भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर हो रहा है। कमजोर मुद्रा से विदेशी निवेशकों के लिए रिटर्न प्रभावित हो रहा है, जिससे वे भारतीय बाजार में कम निवेश कर रहे हैं।
3. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं
रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य-पूर्व के तनाव और अमेरिका में मंदी की आशंका जैसी वैश्विक समस्याओं ने निवेशकों को जोखिम भरे बाजारों से दूर कर दिया है।
4. भारतीय बाजार की ऊंची वैल्यूएशन
भारतीय बाजार में कई स्टॉक्स की कीमतें पहले ही ऊंचाई पर हैं, जिससे निवेशकों को वैल्यूएशन महंगी लग रही है। FIIs इस मौके का फायदा उठाकर मुनाफा बुकिंग कर रहे हैं।
5. कमजोर तिमाही परिणाम
हाल ही में आए भारतीय कंपनियों के तिमाही परिणाम उम्मीद से कमजोर रहे, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा है।
आज के कारोबार पर प्रभाव
बिकवाली का दबाव: ऑटो, आईटी, और बैंकिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा बिकवाली हुई।
मेटल और एनर्जी स्टॉक्स: इन सेक्टर्स में कुछ खरीदारी देखने को मिली, लेकिन यह बाजार को संभालने में नाकाफी रही।
स्मॉल और मिड-कैप स्टॉक्स: इन दोनों कैटेगरी में भी गिरावट देखी गई।
विश्लेषकों का कहना है कि बाजार में गिरावट कुछ समय तक और जारी रह सकती है। निफ्टी दिसंबर 2024 तक 21,300 के स्तर तक गिर सकता है। हालांकि, यह गिरावट दीर्घकालिक निवेशकों के लिए अच्छे गुणवत्ता वाले स्टॉक्स में निवेश का मौका भी हो सकती है।
निवेशकों के लिए सलाह
निवेश में सतर्कता बरतें।
कैश पोजीशन मजबूत रखें और बड़े निवेश से बचें।
गिरावट के दौरान मजबूत और बुनियादी रूप से अच्छे स्टॉक्स में निवेश करें।
किसी भी निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।
भारतीय शेयर बाजार में मौजूदा गिरावट विदेशी बिकवाली, वैश्विक अनिश्चितताओं और घरेलू कारकों का परिणाम है। हालांकि, दीर्घकालिक नजरिए से यह समय समझदारी से निवेश करने का अवसर बन सकता है। निवेशकों को धैर्य और सतर्कता बनाए रखते हुए सही रणनीति अपनानी चाहिए।
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