चेलीपुरा का महावीर घर संसार माॅल मे आग और भिषण आग के सामने अज़ान देता मुस्लिम युवक... ?

Jan 6, 2025 - 16:06
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चेलीपुरा का महावीर घर संसार माॅल मे आग और भिषण  आग के सामने अज़ान देता मुस्लिम युवक...  ?

     चेलीपुरा स्थित महावीर घर संसार माॅल मे बिती रात भिषण आग लगी ! आग की तिव्रता कुछ इतनी अधीक थी के देखते देखते आग ने चार मंज़िला माॅल सहित आस पास  के कुछ मकानो को भी अपने चपेट मे ले लिया ! विपदा मे एक साथ खडे हो जाने का हम भारतीयो का आपसी भाई चारे का अदुभूत नज़ारा भी इस समय देखने  को मिला !

चेलीपुरा  मुस्लिम बहुल क्षेत्र माना जाता है ! आग की ख़बर मिलते ही आस पास के सभी लोग माॅल  के सामने इकठ्ठा हो गए! जिस से जो बन पड रहा था आग की रोक थाम के लिए प्रयास कर रहा था! ऐसे मे एक मुस्लिम  युवक ने आसमान के निचे  खडे होकर ज़ोर ज़ोर से अज़ान देना शुरू  कर दिया ! आधी रात मे भिषण आग के सामने एक मुस्लिम युवक  को अज़ान देता देख काफी लोग असमजस्य मे पड गए थे !

इस लेख मे जानने का प्रयास करते है मुसलमान आपदा के समय अज़ान क्यों देते है !

इस्लाम में अज़ान का मुख्य उद्देश्य अल्लाह को याद करना और उसकी रहमत व मदद की दरख्वास्त करना है। अज़ान सिर्फ मस्जिद में नमाज़ के लिए बुलाने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह अल्लाह की एकता और उसकी महानता का ऐलान है। जब कोई प्राकृतिक आपदा या मानव निर्मित विपदा आती है, तो मुसलमान आसमान के नीचे खड़े होकर अज़ान देते हैं ताकि अल्लाह से मदद मांगी जा सके !

1. तौहीद की गवाही:

विपदा के समय अज़ान देना इस बात का ऐलान है कि अल्लाह ही हर समस्या का हल देने वाला है। अज़ान के शब्द "अल्लाहु अकबर" (अल्लाह सबसे बड़ा है) से यह जाहिर होता है कि कोई भी संकट अल्लाह की ताकत से बड़ा नहीं।

2. अल्लाह से रहमत की दुआ:

विपदा के समय अज़ान देने का उद्देश्य अल्लाह से मदद और रहमत की फरियाद करना होता है। इस्लामी परंपरा में यह माना गया है कि अल्लाह को पुकारने से उसकी मदद अवश्य मिलती है।

3. बुरी ताकतों और आपदाओं को दूर करना:

यह इस्लामिक मान्यता है कि अज़ान से बुरी ताकतें और आपदाएं दूर होती हैं। हदीस में आता है कि अज़ान की आवाज सुनकर शैतान भाग जाता है !

1. प्राकृतिक आपदा:

जब कहीं बाढ़, भूकंप या तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाएं आती हैं, तो मुसलमान खुले आसमान के नीचे खड़े होकर अज़ान देते हैं। यह अल्लाह की ताकत और उसके रहम को बुलाने का एक जरिया है।

2. मानव निर्मित संकट:

युद्ध, महामारी या अन्य मानवीय संकटों में भी मुसलमान अज़ान देकर यह ऐलान करते हैं कि उनकी उम्मीद और सहारा सिर्फ अल्लाह है।

3. पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) का तरीका:

एक बार मदीना में सूखा पड़ा, तो पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.) ने दुआ और अज़ान देकर अल्लाह से बारिश की मांग की। थोड़ी देर बाद अल्लाह ने बारिश भेजी।

आधुनिक समय में अज़ान की भूमिका

आज के दौर में भी जब कोई बड़ी विपदा आती है, तो मुसलमान उसी तरीके से अज़ान देकर अल्लाह से मदद मांगते हैं। यह एकता और ईमान का प्रतीक है !

अज़ान विपदा के समय अल्लाह पर भरोसे और उसकी रहमत को बुलाने का प्रतीक है। इसका उद्देश्य न केवल संकटों को दूर करना है, बल्कि इंसान को यह याद दिलाना है कि हर मुश्किल में अल्लाह ही अंतिम सहारा है। अज़ान के जरिए इंसान अपने कमजोर होने और अल्लाह की महानता को स्वीकार करता है।

अली  रज़ा आबेदी 

 

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