रामगिरी महाराज ने फिर ज़हेर उगला... राष्ट्रगित को बताया जाॅर्ज पंचम की स्तुति मे गाया गया गीत... पैगंबर मोहम्मद स.अ.स. को लेकर भी दिया था विवाविवादास्पद बयान द

Jan 9, 2025 - 01:24
Jan 9, 2025 - 01:37
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रामगिरी महाराज  ने फिर ज़हेर उगला... राष्ट्रगित को बताया जाॅर्ज पंचम की स्तुति  मे गाया गया गीत...  पैगंबर मोहम्मद स.अ.स. को लेकर भी दिया था विवाविवादास्पद  बयान द

महाराष्ट्र के संभाजीनगर में धार्मिक नेता रामगिरि महाराज ने 8 जनवरी 2025 को एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने भारत के राष्ट्रगान 'जन गण मन' की जगह 'वंदे मातरम्' को राष्ट्रगान बनाने की मांग की। 

रामगिरि महाराज ने दावा किया कि रवींद्रनाथ टैगोर ने 'जन गण मन' 1911 में कोलकाता में ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम के सामने गाया था, जब देश स्वतंत्र नहीं था। उन्होंने कहा कि यह गीत देश को संबोधित नहीं था और हमें 'वंदे मातरम्' को राष्ट्रगान बनाने के लिए संघर्ष शुरू करना चाहिए। 

उनकी इस टिप्पणी पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक जितेंद्र आव्हाड़ ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि रामगिरि को जूते से पीटा जाए। आव्हाड़ ने कहा कि अब उन्हें 'जन गण मन' पर भी आपत्ति है, तो उन्हें इस पर प्रतिबंध की मांग करनी चाहिए। 

यह पहली बार नहीं है जब रामगिरि महाराज ने विवादास्पद बयान दिया है। पिछले वर्ष उन्होंने पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम के बारे में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद महाराष्ट्र में उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे। 

रामगिरि महाराज का असली नाम सुरेश रामकृष्ण राणे है। उनका जन्म जलगांव में हुआ था और उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा वहीं पूरी की। 1988 में वे स्वध्याय केंद्र से जुड़ गए और पवित्र गीता का अध्ययन करना शुरू किया। बाद में उन्होंने आध्यात्मिक मार्ग चुना और 2009 में नारायणगिरि महाराज से दीक्षा ली। नारायणगिरि महाराज की मृत्यु के बाद उन्होंने सरला द्वीप के द्रष्टा के रूप में पदभार संभाला। 

रामगिरि महाराज के इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं, जिससे राष्ट्रगान के महत्व और उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर नई बहस छिड़ गई है।

 

 

 

 

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