इज़राइल का इरान पर हमला अब क्या करेगा इरान...?
इज़राइल और ईरान के बीच तनाव एक बार फिर से अपने चरम पर है, और इस बार आरोप-प्रत्यारोप के केंद्र में एक ऑइल रिफाइनरी पर हमला है। इज़राइल ने दावा किया है कि उसने ईरान की एक महत्वपूर्ण ऑइल रिफाइनरी पर हमला किया, जबकि ईरान इस खबर को पश्चिमी मीडिया की "फर्जी खबर" करार दे रहा है। ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली ख़ामनेई ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए इज़राइल के संभावित हमलों का इंतजार किए बिना खुद कार्रवाई करने का ऐलान किया। इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव वैश्विक स्थिरता के लिए भी एक बड़ा खतरा बन गया है।
हमले के दावे और वेस्टर्न मीडिया पर निशाना
इज़राइल ने अपने हमले का दावा करते हुए कहा है कि ईरान की ऑइल रिफाइनरी को निशाना बनाकर उसने ईरान की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करने का प्रयास किया। लेकिन ईरान ने इस दावे को सीधे-सीधे झूठ करार देते हुए कहा कि पश्चिमी मीडिया के माध्यम से ये फर्जी खबर फैलाई जा रही है ताकि इज़राइल की आक्रामकता को उचित ठहराया जा सके। ईरान का कहना है कि उनके यहाँ सभी चीजें सामान्य हैं और जनता में कोई घबराहट नही है !
न्यूयॉर्क टाइम्स की ख़बर
न्यूयॉर्क टाइम्स की ख़बर के मुताबिक इरान के सुप्रिम लिडर ख़ामनाइ ने इज़राइल के हमले का इंतज़ार किए बिना इज़राइल पर हमला करने के आदेश दिए थे! युध्द निती के विश्लेषको का मान ना है, ख़बर के छपते ही नेतन्याहु ने इरान पर हमला कर दीया ! ख़बरो की मानेतो इज़राइली फौजो का आत्म बल टुट गया है! सैन्निक युध्द का मैदान छोड़कर भाग रहे है! नेतन्याहु अपनी नाक बचाने के लिए अब ये सारे असफल प्रयास कर रहा है! पश्चिमी मिडीया ऑइल रिफायनरी के उपर हुए हमले के व्हिडीओ चला रहा है! जिसे इरान ने सन 2021 मे रिफायनरी मे लगी आग का फुटेज बताकर ख़ारीज कर दिया है!
बेखौफ सड़कों पर निकले ईरानी नागरिक
दूसरी ओर, इस घटनाक्रम के बीच ईरान में जनजीवन सामान्य बना हुआ है। रिपोर्टों के मुताबिक, ईरान के नागरिक बेखौफ होकर सड़कों पर घूमते नजर आ रहे हैं, और कहीं भी लोगों में डर का माहौल नहीं देखा गया। इससे यह साफ होता है कि ईरानी नागरिक इन आरोपों और संभावित युद्ध की स्थिति के बावजूद अपनी दिनचर्या में किसी तरह का बदलाव नहीं ला रहे हैं।
नेतन्याहू पर दबाव और इज़राइल की रणनीति
इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर भी घरेलू मोर्चे पर काफी दबाव है। आलोचकों का मानना है कि नेतन्याहू ने अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने और घरेलू आलोचना से ध्यान हटाने के लिए इस हमले का सहारा लिया है। ईरान के खिलाफ इस तरह की आक्रामक कार्रवाई करके नेतन्याहू ने अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने की कोशिश की है, हालांकि इससे क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।
भविष्य की स्थिति
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया है कि इज़राइल और ईरान के बीच तनाव और बढ़ने की संभावना है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें इन दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव पर टिकी हुई हैं, क्योंकि इस स्थिति से वैश्विक शांति और स्थिरता को गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
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