महाकुंभ मे भगदड के बाद मुसलमानो ने बढाया मदत का हाथ श्रध्दालुओ के लिए खोल दिए मस्जिद दर्गा इमाम बाडो के द्वार भंडारो का किया इंतज़ाम !

महाकुंभ के दौरान भगदड़ के बाद मानवता की मिसाल पेश करने वाली घटनाएं हमें भारतीय संस्कृति की मूल भावना की याद दिलाती हैं। जहां हादसे के बाद हाईवे पर लाखों श्रद्धालु फंसे रहे और रात सड़कों पर गुजारने को मजबूर हुए, वहीं प्रयागराज के मुस्लिम समुदाय ने गंगा-जमुनी तहज़ीब का अद्भुत उदाहरण पेश किया।
खुल्दाबाद, हिम्मतगंज, रोशनबाग, नक्खास कोहना और शाहगंज जैसे मोहल्लों में मुस्लिम परिवारों ने अपने घरों के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए। मस्जिद, दरगाह, इमामबाड़ों में न केवल ठहरने और थंड से बचाव के लिए गद्दे कंबल का इंतज़ाम किया गया, चाय-नाश्ता और भरपूर भोजन भी परोसा गया। लोगों ने हलवा-पूरी और विभिन्न व्यंजनों के साथ अपने हिंदू भाई-बहनों का स्वागत किया।
रातभर भंडारों का आयोजन कर श्रद्धालुओं को भोजन कराया गया। इन मोहल्लों की गलियों में इंसानियत और प्यार का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। इस सहायता कार्य ने धर्म, जाति और वर्ग की दीवारों को तोड़कर एकता और सद्भावना की नई मिसाल कायम की।
प्रयागराज की इस घटना ने यह साबित कर दिया कि गंगा-जमुनी तहज़ीब केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि हमारे दिलों में बसी वह भावना है जो मुश्किल वक्त में हर भेदभाव को मिटाकर मदद का हाथ बढ़ाती है।
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