राज्य सरकार के सर्वे में दावा: छोटे और बड़े इमामबाड़े वक्फ संपत्ति नहीं

उत्तर प्रदेश सरकार के हालिया सर्वे में दावा किया गया है कि लखनऊ के प्रसिद्ध छोटे इमामबाड़े, बड़े इमामबाड़े और बेगम हजरत महल पार्क सहित राज्य की कई ऐतिहासिक और मशहूर इमारतें वक्फ संपत्ति नहीं हैं। इस सर्वे को मंगलवार अयोजित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक में प्रस्तुत किया गया।
यह रिपोर्ट तब सामने आई जब JPC ने "वक्फ संपत्तियों का संरक्षण और प्रबंधन-2024" पर मुसलमानों की राय और सुझाव प्राप्त करने के लिए विभिन्न शहरों में बैठकें आयोजित कीं। विशेष रूप से लखनऊ में हुई JPC की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई।
सरकारी दावे पर उठे सवाल
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने सरकारी सर्वे में प्रस्तुत तथ्यों को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि छोटे और बड़े इमामबाड़ों को वक्फ संपत्ति न मानने का दावा गलत तथ्यों पर आधारित है। अली जैदी ने यह भी बताया कि JPC ने इन तथ्यों की जांच करने के लिए अल्पसंख्यक विभाग, धार्मिक नेताओं और अधिकारियों से क्रॉस-वेरिफिकेशन कराया।
वक्फ संपत्तियों के आंकड़े और विवाद
रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में कुल 17,700 हेक्टेयर वक्फ संपत्ति है, लेकिन इनमें से 70% संपत्ति का रिकॉर्ड वक्फ बोर्ड के पास नहीं है। इनमें से बड़ी संख्या में संपत्तियां सरकारी कब्जे में बताई गई हैं। इसके साथ ही, 60% संपत्तियां गैर-वक्फ के रूप में दर्ज हैं, जबकि 31% संपत्तियां विवादित हैं।
JPC के अध्यक्ष जयनारायण यादव ने कहा कि सरकार के इस दावे से वक्फ बोर्ड और मुस्लिम समुदाय के बीच असंतोष उत्पन्न हुआ है। उन्होंने वक्फ से संबंधित मुद्दों को सुलझाने और भविष्य में ऐसे विवादों से बचने के लिए एक स्पष्ट और सख्त कानून बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
वक्फ कानून को लेकर सिफारिशें
JPC ने कहा कि वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और प्रबंधन के लिए जल्द ही एक व्यापक कानून लाया जाएगा। इस कानून के तहत सभी वक्फ संपत्तियों का पुनः सर्वे किया जाएगा और उनकी कानूनी स्थिति स्पष्ट की जाएगी। वक्फ बोर्ड ने इस मुद्दे पर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है।
वक्फ संपत्ति विवाद: एक ऐतिहासिक मुद्दा
उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों को लेकर विवाद कोई नया मुद्दा नहीं है। कई ऐतिहासिक इमारतें और जमीनें वक्फ के नाम पर दर्ज हैं, लेकिन उनकी स्थिति पर सवाल उठते रहे हैं। राज्य सरकार और वक्फ बोर्ड के बीच इस मुद्दे पर लंबे समय से खींचतान चल रही है।
अब देखना होगा कि JPC की सिफारिशों के आधार पर सरकार इस विवाद को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाती है और क्या वक्फ संपत्तियों का पुनः सर्वे कर इनकी स्थिति स्पष्ट की जाती है।
What's Your Reaction?






