ख़ुद को बदलो... वर्ना बदल दिए जाओगे
( अली रज़ा आबेदी ) 1997 में कोडक कंपनी के पास 160,000 कर्मचारी थे, और 85% फोटोग्राफी कोडक कैमरों से होती थी। लेकिन मोबाइल कैमरों के उदय के साथ कोडक मार्केट से बाहर हो गई और अंततः दिवालिया हो गई। कई और कंपनियां जैसे HMT, BAJAJ, NOKIA आदि भी इसी कारण खत्म हो गईं – क्योंकि वे समय के साथ खुद को बदल नहीं पाईं।
हम चौथी औद्योगिक क्रांति के दौर में हैं, जहां तकनीक तेज़ी से बदल रही है। उदाहरण के लिए, UBER और Airbnb जैसी कंपनियां बिना अपनी कारों या होटलों के सबसे बड़ी टैक्सी और होटल कंपनियां बन चुकी हैं। IBM Watson जैसे सॉफ़्टवेयर वकीलों और डॉक्टरों से भी बेहतर काम कर रहे हैं। भविष्य में कारें स्वचालित होंगी, दुर्घटनाएं कम होंगी, और कार बीमा खत्म हो सकता है।
इस बदलाव का असर हर उद्योग पर पड़ने वाला है, और जिन कंपनियों या व्यक्तियों ने खुद को समय के अनुसार ढालने में असफलता दिखाई, वे धीरे-धीरे गायब हो जाएंगे। इसलिए वक्त के साथ बदलते रहना ज़रूरी है।
आप भी बदलते वक्त के साथ खुद को ढालते रहें, नई तकनीकों को अपनाएं, और अपने ज्ञान को लगातार बढ़ाते रहें।
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