ज़लेंस्कि का युक्रेनी जनता के साथ ख़ुनी मज़ाक... अमेरिका युक्रेन खनिज सौदा पक्का...

कभी-कभी जीवन में हास्य और व्यंग्य की सीमाएँ धुंधली हो जाती हैं, और युक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने इस कला में महारत हासिल कर ली है। एक समय के स्टैंड-अप कॉमेडियन ने अपने देशवासियों के साथ ऐसा 'खूनी मज़ाक' किया है कि पूरा विश्व तालियाँ बजाने पर मजबूर हो गया है।
कहानी की शुरुआत होती है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से, जिन्होंने सत्ता में आते ही युक्रेन से युद्ध में दी गई अमेरिकी सहायता की वसूली की मांग की। ट्रम्प ने सीधे-सपाट शब्दों में कहा, "भाई, कर्ज़ चुकाओ या खनिज संपत्ति सौंपो!" ज़ेलेंस्की ने पहले तो इसे ट्रम्प का मज़ाक समझा, लेकिन जब ट्रम्प ने अपनी 'कॉमेडी नाइट' जारी रखी, तो ज़ेलेंस्की को एहसास हुआ कि यह मज़ाक नहीं, बल्कि एक 'रियलिटी शो' है।
अब, ज़ेलेंस्की ने अपने देशवासियों को समझाया, "देखो, अगर हमने सौदा नहीं किया, तो हमारी तीन पीढ़ियाँ अमेरिकी कर्ज़ चुकाते-चुकाते थक जाएँगी।" और इस 'खूनी मज़ाक' का सबसे बड़ा पंचलाइन यह है कि जिस नाटो में शामिल होने की ज़िद पर ज़ेलेंस्की ने रूस के साथ जंग छेड़ी थी, उसमें युक्रेन की सदस्यता की कोई गारंटी नहीं है। वाह, क्या 'प्लॉट ट्विस्ट' है!
तो, अब जब अमेरिका और युक्रेन के बीच यह सौदा पक्का होने जा रहा है, तो सभी की निगाहें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर हैं। देखना यह है कि पुतिन इस 'कॉमेडी शो' में क्या 'ट्विस्ट' लाते हैं। शायद वह भी अपने 'स्टैंड-अप एक्ट' के साथ मंच पर आएँगे और इस 'खूनी मज़ाक' में अपना योगदान देंगे।
यूक्रेन में टाइटेनियम, लिथियम और दुर्लभ मृदा तत्वों जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के विशाल भंडार हैं, जिनका उपयोग एयरोस्पेस, रक्षा, और नवीकरणीय ऊर्जा उद्योगों में होता है। अमेरिका, विशेष रूप से ट्रंप प्रशासन, चीन पर निर्भरता कम करने के लिए इन खनिजों में रुच दिखा रहे है !
रूस भी इस स्थिति का लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है। एक रूसी सरकारी थिंक टैंक ने सुझाव दिया है कि अमेरिकी कंपनियों को रूस-नियंत्रित यूक्रेनी क्षेत्रों में खनिज अधिकार प्रदान किए जाएं। इससे रूस और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ सकता है, और यूक्रेन की स्थिति और जटिल हो सकती है।
इस विवाद ने यूक्रेन की आंतरिक राजनीति में भी सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ लोग मानते हैं कि एक कॉमेडियन से राष्ट्रपति बने ज़ेलेंस्की पर विश्वास करके जनता ने धोखा खाया है, जबकि अन्य उनकी देशभक्ति की सराहना कर रहे हैं। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह विवाद यूक्रेन, अमेरिका, और रूस के बीच संबंधों को कैसे प्रभावित करता है।
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