न्याय के लिए संघर्षरत योध्दा ज़किया जाफ़री की मृत्यु...!

ज़किया जाफ़री का जीवन संघर्ष साहस, धैर्य और न्याय की खोज की मिसाल है। आज अहमदाबाद मे न्याय के लिए लढने वाली इस योध्दा का 86 वर्ष की आयु मे निधन होगया!उनका जन्म 1939 में हुआ था, और उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय समाज सेवा में बिताया। उनकी शादी कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफ़री से हुई थी, जो 1977 में अहमदाबाद से सांसद चुने गए थे।
28 फरवरी 2002 को, गुजरात के अहमदाबाद स्थित गुलबर्ग सोसायटी में हुए भीषण दंगों में एहसान जाफ़री की नृशंस हत्या कर दी गई, और उनके साथ शरण लिए हुए 68 अन्य लोगों को भी जिंदा जला दिया गया। इस त्रासदी के बाद, ज़किया जाफ़री ने न्याय की तलाश में एक लंबी कानूनी लड़ाई शुरू की। उन्होंने 2006 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 63 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें दंगों में साजिश का आरोप लगाया गया था।
हालांकि, विशेष जांच दल (SIT) ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी। ज़किया ने इस फैसले को उच्च न्यायालय और फिर सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी, लेकिन उनकी याचिकाएं खारिज कर दी गईं। इस दौरान, सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने उनकी कानूनी लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई !
अपने पति की मृत्यु के बाद, ज़किया ने न केवल न्याय के लिए संघर्ष किया, बल्कि अपने जीवन को भी पुनर्निर्मित किया। उनकी बेटी नसरीन इस कठिन समय में उनका मुख्य सहारा बनीं। 83 वर्ष की आयु तक, ज़किया ने अपने पति और अन्य निर्दोष लोगों के लिए न्याय की लड़ाई जारी रखी, जो उनके अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।
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