बच्चू कडू का अल्टीमेटम – "यह लड़ाई जाति-धर्म की नहीं, न्याय और हक की है"

प्रतिनिधि, छत्रपति संभाजीनगर ( औरंगाबाद )
प्रहार जनशक्ती पार्टी के अध्यक्ष बच्चू कडू ने राज्य सरकार को कड़ी चेतावनी दी है कि अगर किसानों, श्रमिकों और दिव्यांगों को जल्द न्याय नहीं मिला, तो बिना किसी पूर्व सूचना के वे मंत्रालय के बाहर और भेडो बकरियों के साथ जोरदार आंदोलन करेंगे।
बच्चू कडू ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी जाति या धर्म के नाम पर नहीं है, बल्कि यह न्याय और हक की लड़ाई है। अगर जाति-धर्म के नाम पर आंदोलन होता तो लाखों की भीड़ इकट्ठा हो जाती, लेकिन जो आए हैं, वही सच्चे हक़ के लिए लड़ने वाले हैं।
कर्जमाफी, भत्ता और अन्य मांगों को लेकर चक्काजाम
प्रहार जनशक्ती पार्टी की ओर से राज्यभर में चक्काजाम आंदोलन का आयोजन किया गया। मुख्य मांगों में:
• किसानों की पूर्ण कर्जमाफी और सातबारा दस्तावेज को कोरा करना,
• दिव्यांगों को प्रति माह ₹6000 का भत्ता,
• मत्स्य, दुग्ध और अन्य कृषि आधारित व्यवसायों के लिए सुविधाएं देना शामिल थीं।
इस आंदोलन के तहत छत्रपति संभाजीनगर के क्रांती चौक पर भी प्रदर्शन हुआ, जहाँ बच्चू कडू ने खुद उपस्थित होकर सरकार को चेताया।
“अगर सरकार नहीं मानी, तो आंदोलन और तीव्र होगा” – बच्चू कडू
कडू ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसानों, पशुपालकों और दिव्यांगों की अनदेखी कर रही है, जबकि व्यापारी और उद्योगपतियों को तालाब और ज़मीनें सौंप दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बारिश में भी डटे रहे आंदोलनकारी
सुबह से जारी हल्की बारिश के बावजूद दिव्यांग और किसान आंदोलनकारी चार घंटे तक मौके पर जमे रहे और बच्चू कडू का इंतजार करते रहे। दोपहर करीब चार बजे बच्चू कडू ने पहुंचकर अपनी बात रखी और आंदोलन को आगे बढ़ाया।
इम्तियाज़ जलील का समर्थन, सरकार का विरोध
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व सांसद इम्तियाज़ जलील ने आंदोलन स्थल पहुंचकर किसानों और दिव्यांगों की मांगों का समर्थन किया। उन्होंने राज्य के कृषिमंत्री माणिकराव कोकाटे का विरोध करते हुए प्रतीकात्मक तरीके से "पत्ते" दिखाकर नाराज़गी जताई।
अन्य दलों का भी समर्थन
इस आंदोलन को मनसे प्रवक्ता प्रकाश महाजन, कांग्रेस सांसद डॉ. कल्याण काळे सहित कई नेताओं का समर्थन मिला!
What's Your Reaction?






