लगे रहो नेताजी... महाराष्ट्र मे विधान सभा चुनावो के बाद छुट भय्ये नेताओ मे महानगर पालिका ज़िलापरिषद चुनावो की उम्मीद जगी...
महाराष्ट्र में महानगर पालिका और जिला परिषद चुनावों की सुगबुगाहट से छुटभैये नेताओं के बीच गजब की हलचल मची हुई है। विधानसभा चुनावों में बड़े नेताओं के दरवाजे पर माथा टेकने वाले ये मोहल्ला-स्तरीय नेता अब खुद को 'गली का राजा' साबित करने के लिए कमर कस चुके हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, जो कल तक इनकी डिफॉल्ट तस्वीर और गुड मॉर्निंग मैसेज तक सीमित थे, आज शुभेच्छा, सरकारी योजनाओं और नौकरी दिलाने के दावों से भर गए
फेसबुक पर हर पोस्ट अब शुभकामनाओं और सरकारी योजनाओं की जानकारी से लबालब है। "हम आपकी सेवा में तत्पर हैं" जैसे वाक्य अचानक इन नेताओं की प्रोफाइल्स पर चमकने लगे हैं। व्हाट्सएप ग्रुपों में हर त्योहार पर बधाई संदेशों की बाढ़ आ गई है, जैसे चुनाव न हुआ, दीवाली बोनस का मौसम आ
इन नेताओं ने नौकरी प्लेसमेंट का नया ट्रेंड शुरू कर दिया है। "हमसे संपर्क करें, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं," ऐसे संदेश अब हर गली-मोहल्ले के ग्रुप में ट्रेंड कर रहे हैं। बेरोजगार युवा भी इन नेताओं को अपना करियर काउंसलर समझने लगे हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि एक तरफ युवा अपनी सीवी लिए घूम रहा है, तो दूसरी तरफ नेता जी बस "आगे देखेंगे" कहकर मुस्कुरा रहे है !
जनता भी यह देखकर मजे ले रही है। कुछ लोग कहते हैं, "चुनाव आते ही नेता जी की मीठी बातें सुनने को मिलती हैं, वरना बाकी वक्त ये दिखते ही नहीं।" चाय के कप के साथ चुनावी वादों की चुस्कियां अब नुक्कड़ों पर चर्चा का नया विषय बन चुकी !
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