10 महोर्म आशुरा जुलुस औरंगाबाद [छ. संभाजीनगर]

Jul 17, 2024 - 21:20
Jul 17, 2024 - 21:23
 0  115
10  महोर्म आशुरा जुलुस औरंगाबाद [छ. संभाजीनगर]

( सारांश संवाद दाता ) शहेर मे अज़ादारी का इतिहास सेकडो साल पुराना रहा है ! शिया- सुन्नी और हिंदू एकता की मिसाल रहे आज के मातमी जुलुस का आयोजन अंजुमन -ए- ख़ादीमुल मासुमिन की ओर से किया जाता है ! सुबह फाजल पुरा स्थित महोम्मद नवाब सहाब के आशुर ख़ाने से नौहा व सिना ज़नी करता हुआ निकला ये जुलुस अपने परंपरागत रास्तो से होता हुआ सिटी चौक पहोंचा जहां पर अलम बरदार कमेटी और पुलिस प्रशासन की ओर से अलम पर फुल माला अर्पन कर हज़रत इमाम हुसैन अ.स. के ख़िदमत मे नज़रानए अक़िदत पेश की गई !

पैगंबर हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स.स. के नवासे हज़रत इमाम हुसैन अ.स. से यज़ीद द्वारा बय्यत मांगने,अर्थात यज़ीद को ख़लिफा स्विकार करने से इन्कार करने पर अत्यचारी यज़ीद के लष्कर की ओर से इराक़ के कर्बला मे फुरात नदी के किनारे अपने 72 साथीयो सहीत शहिद कर दिया गया था! इस जंग मे इमाम हुसैन के 72 वर्षिय दोस्त हबिब इबाने मज़ाहेर और छे महिने के मासुम पुत्र अली अज़ग़र अ.स. तक को बेरहेमी से शहीद किया गया तथा अहेले हरम ( इमाम हुसैन के घर की सत्रियों ) के सरो से चादरे लुट कर ख़ैमो को आग लागा दी गई थी !

इस दर्द नाक घटना को पुरा आलमे इस्लाम ग़म के रूप मे मनाता है ! विषेश कर शिया मुस्लिम इस घटना के निषेध्द पुरे विश्व मे और देश भर मे मातमी जुलुस निकालते है, और हज़रत इमाम हुसैन अ.स. की ख़िदमत मे नज़रानए अक़िदत पेश करते है !

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow