भारतीय शिया समुदाय को विचार करना होगा वो किस ओर जा रहा है... ?

Oct 3, 2024 - 14:17
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भारतीय शिया समुदाय को विचार करना होगा वो किस ओर जा रहा है... ?

( अली रज़ा आबेदी ) उत्तर प्रदेश मेरठ से ख़बर थी, हिज़्बुल्लाह चिफ हसन नसरल्लाह के शहादत पर जुलुस लेकर निकले, चालीस से पचास लोगो पर पुलिस ने मुकद्दमा दर्ज किया है ! कुछ गिरफ्तारी या हुई है ! आशंका जताई जा रही है,अभी ऐसे मुकद्दमे और गिरफ़्तारी या देश के अन्य शहेरो, प्रदेशो मे भी हो सकती है ! क्या ऐसा सिर्फ इस लिए हो रहा है, देश मे एक हार्डकोर हिंदूत्ववादी सरकार है?

जिस का स्पष्ट जवाब है! जी नही बिल्कूल भी नही ! 

हम कहां चुके...?

इज़राइल हमले मे हिज़्बुल्लाह चिफ हसन नसरल्लाह के हताहत होने की ख़बर आते ही सब से पहेली प्रतिक्रिया आई कश्मीर से! आप को ज्ञात होगा मेन स्ट्रिम गोदी मिडीया ने इस ख़बर को ख़ुब चलाया टिवी पर डीबेटस हुई ! जुलुस मे शामिल छोटी छोटी लडकियों के " हर घर मे हिज़्बुल्लाह पैदा होगा " वाले बयानो को बार बार चलाकर टीवी एंकर गला फाड फाड कर चिख रहे थे! कौन भर रहा है छोटे छोटे बच्चो मे इतना ज़हेर ? इस सब के माध्यम से गोदी मिडीया अप्रत्यक्ष रुप से ऐसा कुछ नैरेटिव बनाने मे जुटा था ! मानो शिया कम्युनिटी आतंक वादी है! इनके हर घर मे हिज़्बुल्लाह पल रहा है ! भारतीय शिया कम्युनिटी पर मौलवियों की बडी मजबुत पकड है! उत्तर प्रदेश देश मे सब से बडा शिया आबादी वाला प्रदेश होने के नाते यहां के कुछेक मौलवी और मौलवी घरानो का देश भर के शिया समुदाय पर बडा प्रभाव है ! बात कडवी है, लेकिन सच है ! हिज़्बुल्लाह चिफ हसन नसरल्लाह के शहादत पर आरंभ मे तो इन मौलवियो की बडी सामान्य सी प्रतिक्रिया आई ! मै ने ख़ुद भी इस घटना पर हमारी किस तरह की प्रतिक्रिया रहेगी ये जान ने के लिए ऑल इंडिया शिया पर्सनल लाॅ बोर्ड के सर्वेसर्वा मौलाना यासुब अब्बास सहाब से मोबाइल पर संपर्क किया वे उस समय रांची मे थे! उन्हो ने कहा हम ने घरो पर काले झंडे फैराने और मजलिसो का आयोजन करने को कहा है! लेकिन कश्मीर के जुलुस के बाद सब के सुर बदल गये! मौलाना कल्बे जव्वाद, यासुब अब्बास सहाब आदी के बयानो मे तल्ख़ी आ गई,दुर्भाग्य से ये लोग सिवाए बयान बाज़ी करने के अलावा, शिया समुदाय को कोई ठोस कार्यक्रम नही दे सके नतिजतन देश भर मे शहीद हसन नसरुल्लाह के पोस्टर लेकर युवा, महिलाए, बच्चे, बुज़ुर्ग रास्ते पर आ गए! बडे बडे शहेरो मे कँडल मार्च निकले, मातमी जुलुस हुए! हिज़्बुल्लाह जिंदाबाद, नसरल्लाह जिंदाबाद, इज़राइल मुर्दाबाद के नारे लगे! स्थानिय मौलवी अपने पारंपरिक लेबास पहेने आगे आगे चलते नज़र आए! अफसोस इन सबका नेतृत्व करने वाला कोई नही था ! स्वंय उत्स्फूर्त लोग थे! मेरी अपनी जानकारी के मुताबिक इन मे से अधिकतर ने पुलिस प्रशासन से परमिशन नही ली थी! इन मे से किसी ने D.M. या किसी अन्य सक्षम प्रशासनिक अधिकारी को अपनी भावनाए सरकार तक पहोंचाने के लिए ज्ञापन (मेमोरंडम) नही सौंपा था ! कम्युनिटी के छुट भय्ये गली के नेता जिन्हो ने कोविड लाॅक डाउन के दौर मे गली कुचो मे छुप छुपा कर दस महोर्रम का मातमी जुलुस निकाला था घबराए हुए असमजस्य की स्थिती मे थे भय्या करे तो क्या करे ? एक तरफ समाज है! जो अन्याय अत्याचार के विरोध मे अपना एहतजाज दर्ज कराना चहाता है! दुसरी ओर सरकार की अपनी नितिया है! इन लोगो ने इस सब से दुर रहेने मे ही अपनी भलाई समझी! पुलिस प्रशासन को लाॅ अ‍ॅण्ड ऑर्डर संभालन है! उन्होने अपना काम किया नतिजा नेतृत्व हिन इस भिड मे शामिल लोगो पर मुकद्दमे और गिरफ्तारी या होना ही था जो हुए! दुनिया और देश मे घटने वाली घटना पर प्रतिक्रिया देने या विरोध दर्ज करने का अधिकार हमे संविधान ने दिया है! संवैधानिक दायरे मे रहेकर, देश की संप्रभुर्ता और कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए हम मोर्चा, धरना, या विरोध प्रदर्शन कर सकते है! इस के लिए कोई रोक नही है! हमारी सब से बडी कमोजोरी रही हमारा नेतृत्व हिन होना! हमारे भितर के बिखराव गुट बाज़ी! हमारा शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक पिछडा पन! हमारे समाज का जो क्रिमीलेयर है! वो इतना ज़्यादा सोफिस्टिकेटेड है, वो बडी मजबुरी मे फर्शे अज़ा पर या नमाज़ मे सामान्य लोगो के साथ खडा होता है, बैठता है ! आप कभी इन से समाज के बारे मे बात कर के देखिए इनका एक ही जवाब होगा " जाहिल लोग है " 

मिडीया की ज़िम्मेदारी...

मिडीया को सभी मुसलमानो को आतंकवाद के चष्मे से नही देखना चहिए, कश्मीरी चाहे वो किसी समाज का हो आतंकवाद के साये मे पला बढा है! कश्मीरी शियाओं पर इमाम ख़ुमैनी और इस्लामिक क्रांति का बडा प्रभाव रहा है! जिसकी एक वजह कश्मीरी शिया ख़ुमैनी को इरानी नही कश्मीरी मानते है! कश्मीरी शियाओ के राष्ट्रवाद पर सवाल उठाना अपने आप मे एक मुर्खता है! कारगिल मे पाकिस्तानी मिल्ट्री की घुस पैठ की जानकरी भारतीय सेना को देने वाले भेड चराने वाले शिया ही थे ! भारत सरकार ने हिज़्बुल्लाह अथवा हमास को आतंकवादी संघठन घोषित नही किया है! इज़राइल के प्रायमिनिस्टर बेंजामिन नेतन्याहु को युध्द अपराधी ( वाॅर क्रिमिनल ) UN घोषित कर चुका है!

मिडीया हाऊसेस मे दम है तो अपनी ख़बरो मे नेतन्याहु को युध्द अपराधी ( वाॅर क्रिमिनल ) बोलकर दिखाओ!केवल हिंदु मुसलमान वाला अपना एजंडा चलाने के लिए आतंकवादी, आतंकवादी चिल्लाना एक निरी मुर्खता से अधीक कुछ नही है!

इज़राइल से ज्यादा पुराने रिष्ते इरान से भारत के रहे है! और दोनो ही देशो से हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के घनिष्ठ संबंध है! अंत मे मै मोदी जी से यही अनुरोध करूंगा दोनो देशो के बिच मध्यस्थता कर तिसरे विश्व युद्ध की ओर बढ रही दुनिया को बचाले! 

8983123110 

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